
अंबेडकरनगर।
जिले में मनरेगा योजना गति नहीं पकड़ रही। 177 ग्राम पंचायतों में कार्य ठप हैं। जिन 722 ग्राम पंचायतों में योजना के तहत काम हो भी रहा है उनमें से कई की गति अत्यंत धीमी है।
लोकसभा चुनाव के साथ ही भीषण गर्मी इसका कारण बन रही है। इसके चलते मनरेगा मजदूरों के सामने आर्थिक कठिनाई बढ़ रही हैं।
ज्यादातर मनरेगा मजदूरों को न तो सुचारु रूप से काम मिल रहा और न ही समय पर भुगतान हो रहा। आलम यह है कि जिले की 177 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत काम पूरी तरह ठप पड़ा है। मालूम हो कि जिले में कुल 899 ग्राम पंचायतें हैं। इसके साथ ही एक लाख 85 हजार 567 सक्रिय जॉबकार्डधारक हैं
मनरेगा कार्यालय के अनुसार 899 ग्राम पंचायतों की तुलना में 177 ग्राम पंचायतों में काम ठप है। शेष 722 ग्राम पंचायतों में योजना के तहत कार्य चल रहा है लेकिन ज्यादातर में गति धीमी है। तहसील क्षेत्र आलापुर के गढ़वल में विकास कार्यों की कार्य योजना तो बनी लेकिन काम नहीं शुरू हो सका है। इसी प्रकार तहसील क्षेत्र भीटी के अढ़नपुर, परियाएं, दहेमा, खरिया कला, रुदऊपुर गांव में भी योजना के तहत कार्य गति नहीं पकड़ रहा है। अढ़नपुर के मनरेगा मजदूर जैसराम ने कहा कि बीते कई दिनों से योजना के तहत काम ठप है। इससे मजदूरी कर रकम पाने की उम्मीद को चोट पहुंच रही है।
722 ग्राम पंचायतों में चल रहा काम
विकास खंड अकबरपुर के 122, बसखारी में 67, भीटी में 71, भियांव में 81, जहांगीरगंज में 67, जलालपुर में 60, कटेहरी में 69, रामनगर में 94 व टांडा विकास खंड के 91 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत कार्य चल रहे हैं। इसमें पक्का काम कम जबकि कच्चा काम अधिक हो रहा है। इसके साथ ही जो काम हो भी रहे हैं उनकी गति अत्यंत धीमी है।
चुनाव बाद आएगी तेजी
लोकसभा चुनाव में व्यस्तता बढ़ी है। गर्मी भी तेज हो रही है। आगामी कुछ दिनों में कार्यों में और तेजी आएगी। – राजेंद्र मिश्र, मनरेगा उपायुक्त